MAALIK - A RAJKUMMAR RAO HINDI MOVIE REVIEW

 



"एक बेटे का गुस्सा कैसे बना पूरे शहर का खौफ?"

 

आज हम बात करने जा रहे हैं फिल्म “Maalik” की, जो साल 2025 में रिलीज़ हुई एक हिंदी ऐक्शन थ्रिलर फिल्म है। इस फिल्म का निर्देशन किया है पुलकित ने और इसे प्रोड्यूस किया है कुमार तौरानी और जय शेवकरमानी ने।

फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई है शानदार अभिनेता राजकुमार राव ने। उनके साथ हैं दिग्गज बंगाली और हिंदी फिल्मों के स्टार प्रसंजित चटर्जी और खूबसूरत अदाकारा मनुषी छिल्लर

फिल्म 11 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी और इसे समीक्षकों से मिश्रित प्रतिक्रियाएँ मिलीं। लेकिन इसकी कहानी और अभिनय दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बन गए।

फिल्म की कहानी हमें लेकर जाती है 1980 के दशक के उत्तर प्रदेश, विशेषकर इलाहाबाद (अब प्रयागराज) की गलियों और राजनीतिक माहौल में। यह दौर था जब अपराध, राजनीति और गैंगवार का खेल सबसे ज्यादा जोरों पर था।

कहानी शुरू होती है दीपक सेजो एक किसान परिवार का बेटा है। दीपक का किरदार निभाया है राजकुमार राव ने।

दीपक का जीवन बिल्कुल साधारण है, लेकिन एक हादसा उसकी दुनिया बदलकर रख देता है।

दीपक का पिता, जिसकी भूमिका निभाई है राजेंद्र गुप्ता ने, एक किसान है। वह अपने मालिक की ज़मीन को कब्ज़ा होने से बचाने की कोशिश करता है। लेकिन इस दौरान उस पर बेरहमी से हमला होता है और वह गंभीर रूप से घायल हो जाता है।

दीपक अपने पिता की यह हालत देखकर अंदर तक हिल जाता है। उसके दिल में गुस्सा और बदले की आग भर जाती है।

वह उस आदमी को ढूंढ निकालता है जो इस हमले के पीछे जिम्मेदार हैएक खतरनाक व्यक्ति जिसे सबलंगड़ाके नाम से जानते हैं। दीपक बिना सोचे-समझे उसकी बेरहमी से हत्या कर देता है।

यहीं से दीपक की जिंदगी बदल जाती है। वह अब केवल किसान का बेटा नहीं रह जाता, बल्कि अपराध की दुनिया में उसका पहला कदम पड़ जाता है।

लंगड़ा की हत्या के बाद लोग दीपक को एक नए नाम से बुलाने लगते हैंमालिक यह नाम धीरे-धीरे उसकी पहचान और उसकी ताकत बन जाता है।

मालिक धीरे-धीरे इलाहाबाद के अंडरवर्ल्ड में अपनी पकड़ मजबूत करने लगता है। वह राजनीति, अपराध और कारोबारतीनों में घुसपैठ कर लेता है।

उसकी राह में कई लोग आते हैं

·        बल्हार सिंह (स्वानंद किरकिरे)एक ताकतवर विधायक

·        शंकर सिंह उर्फ डड्डा (सौरभ शुक्ला)उसका गुरु और गॉडफादर

·        चंद्रशेखर (सौरभ सचदेवा)उसका बिजनेस प्रतिद्वंद्वी

मालिक इन सब रिश्तों और दुश्मनियों को अपने तरीके से निभाता हैकभी गठजोड़, कभी धोखा, और कभी खून-खराबा।

हालांकि बाहर से Malik एक निर्दयी अपराधी बन चुका होता है, लेकिन उसके अंदर एक बेटा और पति जिंदा रहता है।

·        उसके माता-पिता से उसका रिश्ता गहरा है।

·        उसकी पत्नी शालिनी (मनुषी छिल्लर) अक्सर उसे समझाने की कोशिश करती है कि वह इस हिंसा और अपराध की दुनिया छोड़कर सामान्य जीवन जिए।

जब शालिनी गर्भवती होती है, तो वह और भी ज्यादा Malik से गुजारिश करती है कि वह अपने परिवार के लिए अपराध छोड़ दे।

लेकिन Malik के लिए अब वापसी आसान नहीं रह जाती।

मालिक की ताकत सिर्फ उसकी बंदूक और चालाकी में नहीं, बल्कि उसके वफादार लोगों में भी है।

उसका सबसे भरोसेमंद साथी हैबदायूं (अंशुमान पुष्कर) वह हर मुश्किल वक्त में Malik के साथ खड़ा रहता है और उसके लिए जान देने से भी पीछे नहीं हटता।

जैसे-जैसे Malik का साम्राज्य बढ़ता है, वैसे-वैसे उसके खिलाफ दुश्मनों की संख्या भी बढ़ती जाती है।

इसी दौरान उसकी राह में आता है एक सख्त और ईमानदार पुलिस अफसरप्रभु दास (प्रसंजित चटर्जी)

प्रभु दास भले ही निलंबित हो चुका हो, लेकिन उसे Malik को पकड़ने की जिम्मेदारी दी जाती है।

इसके बाद शुरू होती है Malik और प्रभु दास के बीच एक खतरनाक जंग। यह केवल अपराधी और पुलिस की लड़ाई नहीं, बल्कि इच्छाशक्ति और हौसले की टक्कर बन जाती है।

फिल्म के आगे के हिस्से में Malik का सामना केवल पुलिस से होता है, बल्कि राजनीति और उसके अपने दुश्मनों से भी।

·        कई बार उसे धोखा मिलता है।

·        कई बार उसके करीबी ही उसे पीछे से वार करते हैं।

·        कई बार उसे अपने परिवार को बचाने के लिए बड़े फैसले लेने पड़ते हैं।

हर कदम पर Malik का सफर और भी हिंसक और खतरनाक हो जाता है।

·        राजकुमार राव ने एक साधारण किसान के बेटे से लेकर खतरनाक डॉन तक के किरदार को बखूबी निभाया है। उनकी एक्टिंग फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है।

·        प्रसंजित चटर्जी एक मजबूत पुलिस अफसर के रूप में शानदार नजर आते हैं।

·        मनुषी छिल्लर ने एक पत्नी और मां के रूप में संवेदनशील अभिनय किया है।

·        सौरभ शुक्ला और स्वानंद किरकिरे जैसे कलाकारों ने अपने किरदारों से कहानी को और ज्यादा गहराई दी है।

1.   दमदार कहानीबदले, सत्ता और अपराध की त्रिकोणीय लड़ाई।

2.   शानदार अभिनयखासकर राजकुमार राव का बेहतरीन प्रदर्शन।

3.   1980 का इलाहाबाद का माहौलजिसे फिल्म ने बेहद असली अंदाज में दिखाया है।

4.   संगीत और सिनेमैटोग्राफीकहानी की गति को और रोमांचक बनाते हैं।

5.   भावनाएँ और एक्शन दोनोंपरिवार की जिम्मेदारी और अपराध की दुनिया के बीच फंसा एक आदमी।

 “Maalik” केवल एक ऐक्शन थ्रिलर नहीं है, बल्कि यह दिखाती है कि किस तरह हालात एक साधारण इंसान को अपराध की राह पर धकेल देते हैं।

यह फिल्म हमें सोचने पर मजबूर करती है
👉 क्या बदला सच में न्याय दिला सकता है?
👉 क्या अपराध की दुनिया से कभी बाहर निकला जा सकता है?
👉 और क्या ताकत हमेशा इंसान को खा जाती है?

 

 अगर आपको गैंगस्टर ड्रामा और एक्शन थ्रिलर फिल्में पसंद हैं, तो “Maalik” एक बार जरूर देखी जा सकती है।

 यह फिल्म आपको इलाहाबाद के अपराध, राजनीति और सत्ता की गलियों में ले जाएगीजहां एक बेटे का बदला उसेमालिकबना देता है।



 

 

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