INTERROGATION - HINDI MOVIE REVIEW / AN INVESTIGATIVE SUSPENSE THRILLER MOVIE

 



फिल्म Interrogation एक दिलचस्प हिंदी सस्पेंस थ्रिलर है, जिसका निर्देशन किया है अजय वर्मा राजा ने। इसे कुनवर प्रज्ञ आर्य, इंदरवीर और पीयूष दिनेश गुप्ता ने मिलकर प्रोड्यूस किया है, और यह Aryan Brothers Entertainment Film Naam Mein Kya Rakha Hai Production के बैनर तले बनी है।
इसमें मुख्य भूमिका निभा रहे हैं मैनू सिंह, जो इस फिल्म से अपने अभिनय करियर की शुरुआत कर रहे हैं। इनके साथ फिल्म में दर्शनीय कलाकारों की मजबूत टीम हैदर्शन जरीवाला, अभिमन्यु सिंह, यशपाल शर्मा, राजपाल यादव, गिरीश कुलकर्णी और अन्य। फिल्म का प्रीमियर 30 मई 2025 को ZEE5 पर हुआ।

 

कहानी एक शांत, लेकिन रहस्यमयी माहौल से शुरू होती है। एक रिटायर्ड जज, जो अपनी सख्त और ईमानदार छवि के लिए जाने जाते थे, अचानक अपने घर में मृत पाए जाते हैं। यह घटना पूरे शहर को हिला देती है, क्योंकि वह एक सम्मानित व्यक्ति थे और उनकी मौत किसी सामान्य हादसे जैसी नहीं लगती।

पुलिस को शक होता है कि यह सिर्फ एक प्राकृतिक मौत नहीं है, बल्कि इसमें कोई गहरी साज़िश है। केस की जांच के लिए एक तेज-तर्रार और अनुभवी पुलिस ऑफिसर को बुलाया जाता है।

 

जांच के दौरान पता चलता है कि जज की मौत के दिन, उनके घर चार लोग आए थे  और ये चारों उनके करीबी माने जाते थे।

1.   पहला संदिग्धएक पुराना दोस्त, जो हाल ही में जज से किसी कानूनी मामले को लेकर नाराज़ था।

2.   दूसरा संदिग्धएक व्यापारी, जिसे जज के एक पुराने फैसले ने करोड़ों का नुकसान कराया था।

3.   तीसरा संदिग्धजज का एक पूर्व सहयोगी, जिसके साथ उनका मतभेद काफी समय से चल रहा था।

4.   चौथा संदिग्धएक परिवार का सदस्य, जो बाहरी तौर पर तो वफादार दिखता है, लेकिन भीतर से कुछ छुपा रहा है।

 

फिल्म का असली रोमांच तब शुरू होता है जब पुलिस ऑफिसर इन चारों को एक-एक करके इंटरोगेट करता है।

हर एक के पास अपनी सफाई होती है, लेकिन उनकी बातों में छोटे-छोटे झूठ और विरोधाभास साफ झलकते हैं।

कभी बातचीत में छुपे हुए इशारे, तो कभी चेहरे के हावभावसब पुलिस की नजर से बच नहीं पाते।

पूछताछ के दौरान पुरानी दुश्मनी, धोखे, लालच और डर के कई परतें खुलती जाती हैं।

 

जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, दर्शक समझते हैं कि हर कोई कुछ कुछ छुपा रहा है।

एक संदिग्ध के पास जज की मौत के समय का कोई ठोस अलिबी नहीं है।

दूसरे के पास एक चुपचाप छुपाया गया सबूत मिलता है, जो शक को और गहरा करता है।

तीसरे संदिग्ध के बयानों में इतनी बार बदलाव होता है कि उसकी मंशा पर सवाल उठने लगते हैं।

और चौथा संदिग्ध... उसका राज सबसे खतरनाक निकलता है।

 

जब लगता है कि पुलिस ने असली कातिल पकड़ लिया है, तभी कहानी एक और बड़ा मोड़ लेती है।
सच यह है कि जज की मौत एक सोची-समझी योजना का हिस्सा थी, जिसमें लालच, पुरानी दुश्मनी और व्यक्तिगत बदलातीनों शामिल थे।
लेकिन असली चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें सिर्फ एक ही नहीं, बल्कि दो लोग शामिल थेऔर उनके बीच का कनेक्शन किसी ने सोचा भी नहीं था।

क्लाइमेक्स में, पुलिस ऑफिसर अपनी तेज बुद्धि और सबूतों के सहारे कातिलों को बेनकाब करता है। आखिरी सीन में पूरी सच्चाई सामने आती है, और दर्शक यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि इंसान लालच और नफरत में कितनी हद तक गिर सकता है।

 

इसमें लगातार ट्विस्ट हैं, जिससे दर्शक आखिरी पल तक अंदाजा नहीं लगा पाते कि असली गुनहगार कौन है।

मैनू सिंह का डेब्यू शानदार है, और साथ ही दर्शन जरीवाला, अभिमन्यु सिंह, यशपाल शर्मा, राजपाल यादव जैसे अनुभवी कलाकार अपनी-अपनी भूमिकाओं में गहरी छाप छोड़ते हैं।

अजय वर्मा राजा ने फिल्म की गति और थ्रिल को पूरे समय बनाए रखा है।

पूछताछ के दृश्य इतने दिलचस्प हैं कि दर्शक खुद को पुलिस ऑफिसर के साथ केस सॉल्व करने की कोशिश करते पाते हैं। 


Interrogation
सिर्फ एक मर्डर मिस्ट्री नहीं है, बल्कि यह इंसानी लालच, रिश्तों में छुपी सच्चाई और बदले की भावना की गहरी पड़ताल है। यह उन दर्शकों के लिए परफेक्ट है जो दिमागी खेल, रहस्य और रोमांच से भरपूर कहानियां पसंद करते हैं।



 

 

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