Anjaam एक रोमांटिक साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म है, जो साल 1994 में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म के निर्देशक थे राहुल रवैल और इसमें मुख्य भूमिकाओं में नज़र आए थे शाहरुख़ ख़ान और माधुरी दीक्षित। यह पहली बार था जब इन दोनों सुपरस्टार्स ने एक साथ स्क्रीन शेयर की थी। इनके अलावा फिल्म में सुधा चंद्रन, टिन्नू आनंद, बीना बनर्जी, किरण कुमार, कल्पना अय्यर, हिमानी शिवपुरी जैसे कलाकार नज़र आते हैं, और दीपक तिजोरी ने गेस्ट अपीयरेंस दिया था।
फिल्म का संगीत दिया था आनंद–मिलिंद ने और गाने लिखे थे समीर ने।
यह फिल्म सिर्फ एक रोमांटिक थ्रिलर नहीं थी, बल्कि इसमें महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और उनके संघर्ष को गहराई से दिखाया गया। इस फिल्म में माधुरी दीक्षित ने एक मज़बूत नारी का किरदार निभाया है जबकि शाहरुख़ ख़ान को एक जुनूनी प्रेमी और खलनायक के रूप में दिखाया गया है।
कहानी है शिवानी चोपड़ा (माधुरी दीक्षित) की, जो एयर इंडिया में एयर होस्टेस के रूप में काम करती है। वह अपनी बहन पद्मीषा और शराबी जीजा मोहनलाल के साथ रहती है। इसी दौरान उसकी मुलाकात होती है अमीर और घमंडी बिज़नेसमैन विजय अग्निहोत्री (शाहरुख़ ख़ान) से। विजय पहली ही नज़र में शिवानी पर मोहित हो जाता है और हर हाल में उसे पाने की ठान लेता है।
शुरुआत में वह उसे मॉडलिंग का ऑफर देता है, फिर प्रेम प्रस्ताव रखता है, लेकिन शिवानी बार-बार उसे ठुकरा देती है। विजय अपनी माँ पद्मा से कहता है कि वह केवल शिवानी से ही शादी करेगा।
जब विजय का रिश्ता लेकर उसका परिवार शिवानी के घर पहुँचता है, तब तक शिवानी की शादी हो चुकी होती है। शिवानी ने एयर इंडिया के पायलट अशोक चोपड़ा (दीपक तिजोरी) से विवाह कर लिया होता है। यह खबर सुनकर विजय टूट जाता है, लेकिन शिवानी और अशोक अमेरिका चले जाते हैं और नई जिंदगी शुरू कर देते हैं।
चार साल बाद भी विजय शिवानी को भूल नहीं पाता। वह हर शादी का प्रस्ताव ठुकरा देता है। इधर शिवानी और अशोक की एक बेटी होती है, जिसका नाम रखते हैं पिंकी। अब शिवानी अपनी नौकरी छोड़कर विकलांग बच्चों की मदद के लिए अस्पताल में काम करने लगती है।
विजय चालाकी से अशोक का दोस्त बन जाता है। वह अपनी एयरलाइन शुरू करने की योजना बनाता है और अशोक को जनरल मैनेजर बनाता है। शिवानी को शक होता है लेकिन अशोक विजय पर भरोसा करता है।
धीरे-धीरे विजय अपनी हदें पार करने लगता है। वह शिवानी की तस्वीरें अपनी एयरलाइन के विज्ञापनों में लगाता है। इस पर शिवानी गुस्सा हो जाती है और पति से कहती है कि नौकरी छोड़ दो। मगर अशोक गुस्से में उसे थप्पड़ मार देता है और घर से निकाल देता है।
इसी मौके का फायदा उठाकर विजय अशोक को बुरी तरह पीटता है और फिर अस्पताल में उसकी ऑक्सीजन मास्क हटाकर उसकी हत्या कर देता है।
शिवानी पुलिस से मदद माँगती है, लेकिन विजय का दोस्त इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह (किरण कुमार) उसे बचा लेता है। शिवानी बार-बार विजय को ठुकराती है, तो वह उसे मारता-पीटता है और झूठे केस में फँसा देता है। अदालत से शिवानी को 3 साल की जेल की सज़ा हो जाती है। उसकी बेटी पिंकी बहन पद्मीषा के पास चली जाती है, लेकिन शराबी मोहनलाल दोनों को तंग करता रहता है।
जेल में शिवानी की दोस्ती निशा (सुधा चंद्रन) से होती है। दोनों अपने दर्द साझा करती हैं। जेल की वार्डन बहुत क्रूर होती है और कैदियों को रात में नेताओं के पास भेजती है। शिवानी इसके खिलाफ शिकायत करती है, लेकिन इंस्पेक्टर अर्जुन उसकी शिकायत उजागर कर देता है।
मोहनलाल अपनी पत्नी और पिंकी को घर से निकाल देता है। इस बीच विजय गाड़ी चलाते समय जानबूझकर पद्मीषा और पिंकी को कुचल देता है। यह खबर सुनकर शिवानी टूट जाती है और तय करती है कि अब वह अपने परिवार का बदला ज़रूर लेगी।
इसी दौरान जेल में वार्डन उसे बेरहमी से पीटती है और गर्भपात करवा देती है। अब शिवानी के पास खोने को कुछ नहीं बचता। उसका एक ही मकसद रह जाता है – बदला लेना।
सबसे पहले वह जेल वार्डन को मार देती है और बच निकलती है।
जेल से छूटने के बाद वह मोहनलाल को रुपयों से गला घोंटकर मार डालती है। फिर इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह उसका पीछा करता है और उसे एक खलिहान में बलात्कार की कोशिश करता है। मगर शिवानी उसे मारकर खलिहान में आग लगा देती है।
अब बचा सिर्फ विजय।
शिवानी विजय को ढूँढते हुए उसके पुराने घर जाती है, लेकिन पता चलता है कि वह अब एक सैनिटोरियम में रहता है क्योंकि एक कार एक्सीडेंट में वह लकवाग्रस्त हो गया है। यह वही हादसा था जिसमें शिवानी की बहन और बेटी मारी गई थीं।
शिवानी वहाँ नर्स बनकर पहुँचती है और विजय की सेवा करती है। धीरे-धीरे विजय ठीक हो जाता है। वह फिर शिवानी से प्यार जताता है और शादी के लिए कहता है। लेकिन शिवानी उसे गले लगाकर छुरा घोंप देती है। वह कहती है कि उसने उसे इसलिए ठीक किया ताकि वह उसे इंसान की तरह मार सके।
आखिर में दोनों के बीच झड़प होती है और वे एक चट्टान से गिर जाते हैं। शिवानी जानबूझकर उसका हाथ छुड़ा देती है ताकि विजय की मौत निश्चित हो जाए, भले ही उसकी खुद की जान चली जाए।
फिल्म की खास बातें
1. शाहरुख़ ख़ान का नकारात्मक रोल – इस फिल्म में उन्होंने एक सनकी और जुनूनी प्रेमी का किरदार निभाया, जो दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ गया।
2. माधुरी दीक्षित का मज़बूत महिला किरदार – फिल्म में उनकी अदाकारी ने यह संदेश दिया कि एक औरत अन्याय के खिलाफ खड़ी हो सकती है।
3. फिल्म का विषय – यह सिर्फ एक रोमांस-थ्रिलर नहीं बल्कि समाज में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और उनके संघर्ष को उजागर करता है।
4. संगीत – आनंद–मिलिंद और समीर के गाने उस दौर में काफी लोकप्रिय हुए।
"Anjaam" सिर्फ एक मनोरंजक फिल्म नहीं बल्कि एक सामाजिक संदेश देने वाली फिल्म भी है। यह बताती है कि जब औरत के सारे सहारे छिन जाते हैं, तो वह खुद अपने हक और न्याय के लिए लड़ सकती है।
माधुरी और शाहरुख़ की जोड़ी, गाने, और थ्रिलर कहानी ने इस फिल्म को 90 के दशक की यादगार फिल्मों में जगह दिलाई।
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