APRADH - FEROZ KHAN & MUMTAZ ACTION THRILLER MOVIE REVIEW / LOVE, REDEMPTION, AND BETRAYAL
आज
हम
आपको
सुनाने
जा
रहे
हैं
1972 की
सुपरहिट फिल्म
"Apradh" की पूरी
कहानी।
ये
फिल्म
एक्शन,
रोमांस
और
थ्रिल
से
भरपूर
है।
इसे
फीरोज़ ख़ान ने
प्रोड्यूस और
डायरेक्ट किया
था।
ये
उनकी
पहली
फिल्म
थी
जहाँ
उन्होंने निर्देशन और
निर्माण दोनों
की
ज़िम्मेदारी निभाई।
फिल्म
में
मुख्य
भूमिकाओं में
हैं
फीरोज़ ख़ान, मुमताज़, प्रेम चोपड़ा, इफ्तिखार, हेलेन, फरयाल, और
madan puri।
फिल्म
का
संगीत
दिया
है
मशहूर
जोड़ी
कल्याणजी-आनंदजी ने।
इस फिल्म का सबसे चर्चित गाना है – "ऐ नौजवान, है सब कुछ यहाँ", जिसे गाया है आशा भोंसले ने। इस गाने की धुन पर बाद में The Black Eyed Peas ने अपना हिट गाना "Don't Phunk with My Heart" बनाया था।
फिल्म
की
शुरुआत
होती
है
जर्मनी में,
जहाँ
हम
मिलते
हैं
खूबसूरत लेकिन
चालाक
महिला
रीटा से।
रीटा
एक
इंटरनेशनल चोरों
के
गिरोह
की
मेंबर
है।
वह
एक
जौहरी
को
बेवकूफ
बनाकर
एक
बेशकीमती हार
चुरा
लेती
है
और
पुलिस
से
बचने
के
लिए
भागती
है।
भागते-भागते उसे एक
कार
मिलती
है
जिसमें
बैठा
होता
है
राम खन्ना, जो
एक
मशहूर
ग्रांड
प्रिक्स रेसिंग
ड्राइवर है।
रीटा
राम
से
लिफ्ट
लेती
है
और
चोरी
किया
हुआ
हार
चुपके
से
राम
के
सामान
में
छिपा
देती
है।
बाद
में
राम
को
हार
मिलता
है
और
वह
ईमानदारी से
उसे
रीटा
को
लौटा
देता
है।
रीटा
हार
को
अपने
गैंग
के
लीडर
को
सौंप
देती
है,
लेकिन
जब
हार
की
जांच
होती
है,
तो
पता
चलता
है
कि
वह
नकली है।
अब
गैंग
को
लगता
है
कि
रीटा
ने
उन्हें
धोखा
दिया
है,
और
वह
खुद
अपनी
गैंग
से
भगोड़ी बन
जाती
है।
वो
फिर
से
राम
के
पास
जाती
है
और
अपने
असली नाम मीना के
साथ
अपनी
सच्चाई
बताती
है।
राम
उसकी
मदद
करता
है।
दोनों
के
बीच
प्यार
पनपने
लगता
है।
राम एक बड़ी रेस जीतता है और फिर वह और मीना भारत वापस लौटने का फैसला करते हैं।
जैसे
ही
वे
भारत
पहुँचते हैं,
एयरपोर्ट पर
कस्टम
ऑफिसर
राम
की
तलाशी
लेते
हैं।
उसके
सामान
में
छुपे
हुए
हीरों से भरे कैप्सूल मिलते
हैं।
राम
को
तस्करी
के
आरोप
में
गिरफ्तार कर
लिया
जाता
है।
कोर्ट में सुनवाई होती है और राम को कई साल की जेल हो जाती है।
सालों
बाद
राम
जेल
से
बाहर
आता
है,
और
मीना
उसका
इंतज़ार करती
है।
दोनों
शादी
करते
हैं
और
एक
ईमानदार ज़िंदगी शुरू
करने
का
फैसला
लेते
हैं।
लेकिन ज़िंदगी इतनी आसान कहाँ...
राम
का
भाई
हरनाम, एक
बड़ा
तस्कर
है।
वह
राम
को
भी
अपने
गैरकानूनी धंधों
में
शामिल
करना
चाहता
है।
राम
मना
कर
देता
है।
लेकिन
जब
मीना
का
अपहरण हो
जाता
है,
तब
राम
को
मजबूरी
में
हाँ
कहना
पड़ता
है।
राम
अब
फिर
से
अपराध
की
दुनिया
में
कदम
रख
देता
है।
धीरे-धीरे राम का जीवन फिर से अंधेरे में डूबता जाता है। ईमानदारी से जीने का सपना अब टूटने लगता है। अपराध के इस रास्ते से अब न सिर्फ राम की ज़िंदगी, बल्कि मीना की भी बर्बादी की ओर बढ़ने लगती है।
फिल्म का गाना "ऐ नौजवान, है सब कुछ यहाँ" आज भी यादगार है। आशा भोंसले की आवाज़ और कल्याणजी-आनंदजी की धुन ने इस गाने को एक आइकॉनिक सॉन्ग बना दिया। यही धुन बाद में Black Eyed Peas के गाने में भी इस्तेमाल हुई।
फिल्म
की
शूटिंग
विदेशी
लोकेशन्स पर
की
गई
थी।
कार
रेसिंग
के
शानदार
सीन,
स्टाइलिश डायरेक्शन और
ग्लैमर
ने
इस
फिल्म
को
उस
दौर
की
सबसे
मॉडर्न
फिल्म
बना
दिया।
ये
फिल्म
फीरोज़
ख़ान
की
आगे
आने
वाली
हिट
फिल्मों जैसे
धर्मात्मा और
क़ुर्बानी की
नींव
साबित
हुई।
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